पोस्टमैन अब चिट्ठी के साथ कलैक्ट करेंगे मरीजों के सैम्पल, यूपी सरकार की पहल
करीब 2300 टीबी जांच सेंटरों से 24 घंटे के अन्दर 142 सीबीनाट मशीन सेंटर तक सैम्पल पहुंचाने का काम डाक विभाग करेगा.
प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैम्पल लैब तक पहुंचाने का काम अब डाकिये करेंगे.
प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैम्पल लैब तक पहुंचाने का काम अब डाकिये करेंगे.
वैसे तो पोस्टमैन घर-घर लैटर्स या कोई पार्सल देने का काम करते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के पोस्टमैन अब एक और नए रोल में भी नजर आएंगे. यहां पोस्टमैन टीबी मरीजों का सैम्पल टेस्टिंग लैब तक पहुंचाने का भी काम करेंगे.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पहली मई से सभी 75 जिलों में डाकिए टीबी मरीजों का सैम्पल (TB patients' samples) लैब तक पहुंचाने जा रहे हैं. इसे लेकर राज्य क्षय रोग विभाग और भारतीय डाक विभाग में एक कॉन्ट्रैक्ट हुआ है.
इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत पहली मई से प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैम्पल लैब तक पहुंचाने का काम अब डाकिये करेंगे. इससे पहले यह सैम्पल कोरियर से भेजे जाते थे, जिससे रोगियों की पहचान और इलाज में देरी होती थी. इस कॉन्ट्रैक्ट के साथ ही प्रदेश इस सिस्टम को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है .
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प्रदेश के करीब 2300 टीबी जांच सेंटरों (डीएसटी) से 24 घंटे के अन्दर 142 सीबीनाट मशीन सेंटर तक सैम्पल पहुंचाने का काम डाक विभाग करेगा. इसके साथ ही 142 सीबीनाट मशीन सेंटर से प्रदेश के आठ जिलों लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर और इटावा में मौजूद ड्रग कल्चर सेंसटिविटी टेस्ट सेंटर तक 48 घंटे के अन्दर सैम्पल पहुंचाने का काम किया जाएगा.
टीबी मरीजों के मामले में सबसे बड़ी चुनौती जल्द से जल्द जांच कराने की होती है क्योंकि एक टीबी मरीज अनजाने में न जाने कितने लोगों को इन्फेक्टेड कर सकता है. इस सिस्टम से सैम्पल की जांच में तेजी आएगी और जांच रिपोर्ट आते ही जल्द से जल्द उनका इलाज शुरू कर दिया जाएगा. इससे इन्फेक्शन का खतरा कम रहेगा.
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बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ, आगरा, बदायूं और चंदौली जिले में यह सिस्टम लागू किया गया था. अब इसे अन्य जिलों में भी शुरू किया जा रहा है.
09:33 PM IST